सीमा क्या होती है
जो हद मे रहना सिखाती है
पहले मालूम न था
सोचता था मै
रिश्तो की सीमा
उसके नाम से शुरु होती है
उस नाम के साथ रहती है
हर पल उसमे जीना
आदत सी थी
लेकिन अब समझ पाया
सीमाये दोस्ती की
सीमाये प्यार की
सीमाये मर्यादा की
सीमाये रिश्तो की
सीमाये हक की
सीमाये अपनो की
इन सीमाओ पर
अब रेखा खिंच चुकी है
एक रेखा
जो आप को आपका
स्थान दिखाती है
आप कौन है
आपका चेहरा दिखाती है
आपको जिदंगी की हकीकत से
रुबरु करवाती है लेकिन
भावो से दूर ले जाती है
अब एक रेखा सीमा तय करती है
आप कितने पास कितने दूर है
अब एक रेखा सीमा तय करती है
आप की बातो की इज़ज्त कितनी है
अब एक रेखा सीमा तय करती है
आप के सच्चे ज़ज़्बात कितने झूठे है
अब एक रेखा सीमा तय करती है
आप उस रिश्ते की मर्यादा से बाहर है
रेखा सीमा की आज फिर खिंच चुकी है
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल , अबु धाबी, युएई
सुन्दर अभिव्यक्ति, धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद है ये रेखा जो सीमा पर भी खिंच चुकी..... मित्रता ,प्रेम, रिश्तों, भावनाओ के बीच खींची इस रेखा को तोडना होगा... सीमा मर्यादाओ की बनी रहे .. किन्तु ऐसी रेखाओं को तोडना होगा... सुन्दर कविता ..
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