मन बहुत उतावला होता है। इसमे न जाने कितने सवाल उठते है या जबाब मिलते है। चाहे उनमे मै स्वयं ही घिरा हूं या फ़िर समाज या देश के प्रति मेरी उदासीनता या फ़िर जिम्मेदारी। आप भी मेरी इस कशमकश के साथी बनिये, साथ चलकर या अपनी प्रतिक्रिया,विचार और राय के साथ्। तेरे मन मे आज क्या है लिख दे "चिन्तन मेरे मन का" के पटल पर यार, हर पल तेरी कशिश का फ़साना हो या फ़िर तेरी यादो का सफ़र मेरे यार।
रविवार, 22 अगस्त 2010
मुझसे पूछ लेना ....
जिंदगी मे.....
दोस्त और दोस्ती की कहानी
मुझसे पूछ लेना
वफा और बेफाई का सबब
मुझसे पूछ लेना
कल और आज की कहानी
मुझ से पूछ लेना
आज और कल की तन्हाई
मुझ से पूछ लेना
विश्वास और अविश्वास की कहानी
मुझ से पूछ लेना
प्यार और नफरत की दास्तां
मुझ से पूछ लेना
चेहरे और नकाब की कहानी
मुझसे पूछ लेना
फूल और कांटे की जुबानी
मुझ से पूछ लेना
दोस्त और दुशमन की कहानी
मुझ से पूछ लेना
सांस और आस की रवानगी
मुझसे पूछ लेना
दिल जुडने और टूटने की कहानी
मुझ से पूछ लेना
आंसू और दर्द की रिश्ता
मुझ से पूछ लेना
ख्वाबो और हकीकत की ये कहानी
मुझसे मत पूछ लेना
लिखे को पढना और समझना
मुझसे मत पूछ लेना
-प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, अबु धाबी, यूएई
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JEE CHAAH RAHA HAI AISEY KAVI SAY KHUB DOSTI HO JAYE AUR,,,AISEE MANBHAVAK BATEN PADNE KO MILE,,,FIR YEH DUNIA KITNI KAVAYMAYE HO JAYEGI,,,,[SUKH KI PARIBHASHA SAA LA RAHA HAI BAHUT KUCH]
जवाब देंहटाएंRAJVEEN
ZINDGI KI KITAAB AAPNE KHOL KAR RAKH DI ...MAIN TO SAB SAMJH GAYA .....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है आपने....
जवाब देंहटाएंदिल जुडने और टूटने की कहानी
मुझ से पूछ लेना
आंसू और दर्द की रिश्ता
मुझ से पूछ लेना...
बहुत सुन्दर लिखते हैं आप ..मन स्पर्शी...