पृष्ठ

शनिवार, 11 अगस्त 2012

हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है





स्वतन्त्रता दिवस पर
मेरा जोश देखते बनता है
यही जोश
गणतन्त्र दिवस पर भी
दिखता है
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

रोज की आपा धापी मे
कहाँ याद रहता है
बस याद रहता है तो
सब कुछ करने,
और कहने की आज़ादी
रिश्वत दे भी देता हूँ
रिश्वत ले भी लेता हूँ
मेरे बात न माने कोई
तोड़ फोड़ खूब करता हूँ
संस्कृति संस्कारो से
मैंने आज़ादी पा ली है
कोई रोके मुझे तो
वो मेरी आज़ादी पर हमला है
लेकिन आज
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

कोई याद दिला दे तो
शहीदो को नमन कर लेता हूँ
दो शब्द कह कर
मैं भी देश भक्त कहलाता हूँ
कहीं कोई आवाज़ उठे
उसे मैं भी सुन लेता हूँ 
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ 
कुछ कह कुछ लिख लेता हूँ
सड़क पर उतरने
का 'रिस्क' मैं नही लेता हूँ
भूख और प्यास
केवल अपनी देख लेता हूँ
लेकिन आज
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

नेताओ को कोस
मैं देशभक्त कहलाता हूँ
वोट की खातिर
मैं बिक बिछ जाता हूँ
जाति धर्म पर
मैं खुद को बाँट लेता हूँ
धर्म निरपेक्ष कहलाने
अपने ही धर्म को कोस लेता हूँ  
अलग दिखाने 
संस्कारो को ताक पर रख देता हूँ
लेकिन आज
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

कौन सच्चा कौन झूठा
इसको कसौटी पर तोलता हूँ
खुद के अंदर झांकना छोड़
दूसरे को सही गलत सिखाता हूँ
राजनीति की आड़ मे
अपनों से किनारा कर जाता हूँ 
फक्र होता है मुझे
जब भारत को 'इंडिया' कहता हूँ
अँग्रेजी से मोह किया
हिन्दी मे कभी कभी बतिया लेता हूँ
भगवा रंग अब संप्रदायी हुआ
सफ़ेद खून हुआ, हरे को लाल कर लेता हूँ 
लेकिन आज
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

माँ पिता को अपने
वृद्धाश्रम का सुख भोगने भेज देता हूँ
स्नेह जो दे मुझे
काम हो जाने पर मुंह उनसे मोड लेता हूँ
बेटे की ख्वाइश रख
कन्या को जन्म से पहले मौत दे देता हूँ
खुद की सुरक्षा के लिए
हर अत्याचार अपवाद देख आंखे मूँद लेता हूँ
लेकिन आज
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

हूँ कैसा भी मैं
स्वतन्त्रता दिवस व गणतन्त्र दिवस मना लेता हूँ
खरीद 'रेड लाइट' पर तिरंगा
उस बच्चे के चेहरे पर मुस्कान जरूर देख लेता हूँ
आज केवल इस मुस्कान के लिए
हाँ मुझे तिरंगा खरीदना है
स्वतन्त्रता दिवस मनाना है

वंदे मातरम !!!

-          प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत भाव पूर्ण कटाक्ष पूर्ण अभिव्यक्ति स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा खरीदने की ओपचारिकता है ये या वास्तविक स्वतंत्रता की आत्मिक मुस्कान ..बेहद गहन... राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत मन की बेबसी

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी/प्रतिक्रिया एवम प्रोत्साहन का शुक्रिया

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...