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गुरुवार, 19 नवंबर 2020

भूल न पाये उनको



समय अपना दिया हमने जिनको

समय ने न जाने कब से बदल दिया उनको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

ख्यालों में भी ख्याल था जिनका

इस राह में हमारा ख्याल भी न आया उनको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

तोड़कर रिश्ता मुस्कराते हैं वो

नम आँखों में उभरा दर्द मेरा न दिखा उनको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

न मिलते वो तो अच्छा होता

अब प्यार से इतनी नफरत न होती हमको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

टूट कर चाहना हसरत थी

इस राह में चाहा भी हमने और टूटे भी हम

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

ढूंढते हैं सब में हमको ही

यह पैमाना मोहब्बत का हमने दिया है उनको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

कभी मुस्करा जाते है हम 'प्रतिबिंब'

दर्द छुपा-छुपा कर भूल न पाये हैं हम उनको

सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको

 

-         प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल १९/११/२०२०


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