समय अपना दिया हमने जिनको
समय ने न जाने कब से बदल दिया उनको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
ख्यालों में भी ख्याल था जिनका
इस राह में हमारा ख्याल भी न आया उनको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
तोड़कर रिश्ता मुस्कराते हैं वो
नम आँखों में उभरा दर्द मेरा न दिखा उनको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
न मिलते वो तो अच्छा होता
अब प्यार से इतनी नफरत न होती हमको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
टूट कर चाहना हसरत थी
इस राह में चाहा भी हमने और टूटे भी हम
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
ढूंढते हैं सब में हमको ही
यह पैमाना मोहब्बत का हमने दिया है उनको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
कभी मुस्करा जाते है हम 'प्रतिबिंब'
दर्द छुपा-छुपा कर भूल न पाये हैं हम उनको
सच कहूँ भूल न पाये हैं हम उनको
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प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल १९/११/२०२०
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