जीवन तांता है
अनेकों स्मृतियों का
स्मृतियों में
अस्तित्व तलाशने का
स्मृति,
सुने और पढे का सरंक्षण है
ज्ञान व बौद्धिक क्षमता का
परिचायक है स्मृतियाँ
स्मृतियाँ संग्रहित है
सुख दुख का सार लिए
अच्छे बुरे का रूप लिए
कर्म व अपराध का
बोध कराती है स्मृतियाँ
भूल जाएँ अगर स्मृतियाँ
रंगहीन होगा सबका जीवन
वर्तमान को सँजोती है स्मृतियाँ
किन्तु
मस्तिष्क का
स्मृतियों पर नियंत्रण है
क्या भूलें क्या याद रखे
मस्तिष्क निर्धारण करता है
और संचालित करता है
क्रिया व प्रतिक्रिया का भाव
द्वेष व सदभाव को
मस्तिष्क ही स्फ्रुटित करता है
स्मृतियों के जाल को मस्तिष्क
बड़े जतन से संभाल कर रखता है
और एकांत हो चाहे शोर ज़िंदगी का
बस चुपके से सरका कर स्मृतियों को
सीधा प्रसारण कर देता है मस्तिष्क
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल २०/११/२०२०
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