कर सृष्टि को नमन
कर पृथ्वी को नमन
कर आराध्य को नमन
कर गुरुओं को नमन
कर पृथ्वी को नमन
कर आराध्य को नमन
कर गुरुओं को नमन
नमन तू धर्म को कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
मूल सृष्टि का बन कर
सुधा वृष्टि को अपना कर
संकल्प दृष्टि का सूत्र बन
सत्य का तू निर्वहन कर
सुधा वृष्टि को अपना कर
संकल्प दृष्टि का सूत्र बन
सत्य का तू निर्वहन कर
नमन तू धर्म को कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
जन-मानस का ले संज्ञान
अटल हो संकलिप्त प्रतिज्ञा तेरी
संस्कृति से जोड़कर जीवन
हर संस्कार बने पहचान तेरी
अटल हो संकलिप्त प्रतिज्ञा तेरी
संस्कृति से जोड़कर जीवन
हर संस्कार बने पहचान तेरी
नमन तू धर्म को कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
कर अपने अंतर्मन में
चिंतन
जिसमें प्रतिबिंबित हो निष्ठा तेरी
प्रकृति से हो सहृदय मिलन
निर्मलता प्रतिपल सक्रिय हो तेरी
जिसमें प्रतिबिंबित हो निष्ठा तेरी
प्रकृति से हो सहृदय मिलन
निर्मलता प्रतिपल सक्रिय हो तेरी
नमन तू धर्म को कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
नमन तू कर्म को कर
मानवता का सृजन कर
पुण्य का तू अर्जन कर
- प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल २२/११/२०
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