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मंगलवार, 29 सितंबर 2009

करते है पुन: अभिनंदन तेरा हम ब्लागवाणी


सांसे थम सी गई थी अपनी जब न थी ब्लागवाणी
करते रहे इंतजार कब आयेगी फ़िर से अपनी रवानी

देखो लो वापिस आई फ़िर से अपनी वाणी
करते है पुन: अभिनंदन तेरा हम ब्लागवाणी

हम जैसे ब्लागरो की तू है एक मात्र वाणी
खुश है फ़िर से दीदार हुये तेरे ब्लागवाणी

भावो का आदान प्रदान होता तेरे दर पर ब्लागवाणी
हर तरफ़ रौनक लौट आई आने से तेरे ब्लागवाणी

पाकर फ़िर से तुम को, हो गये है हम ओत प्रोत
ब्लागरो के इस महासंग्राम की फ़िर जल उठी जोत

-प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल

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