~गुदडी का लाल~
निर्धनता के दामन थामे, जिनके बढते रहे कदम,
येसे लाल बहादुर को करते है आज हम सब नमन,
कद के छोटे थे लाल, फ़िर भी ऊंचे थे उनके विचार,
जीवन के हर मोड पर सादगी ही था उनका आधार.
गांधी-नेहरु के संग उन्होने आज़ादी की लडी लडाई,
हर आंदोलनो में कूद भारत को आज़ादी दिलवाई.
कठिन समय मे की उन्होने भारत की अगुवाई,
कुछ निर्णयो को लेकर उन पर अंगुली भी उठाई.
लाल बहादुर ने देश का बचाया सम्मान,
दे कर नारा "जय जवान - जय किसान".
शांति की खोज़ मे ताशकंद पहुंचा यह लाल,
वही से अलविदा कह गया ये गुदडी का लाल.
-प्रतिबिम्ब बडथ्वाल
suchmooch hi gudri ka lal
जवाब देंहटाएंजी गांधी जी को लोग याद कर ही लेते है लेकिन शास्त्री जी कि ओर उदासीनता देखकर आश्चर्य भी व दुख भी होता है.
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक सामयिक पोस्ट. आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा ! ऐसे राजनेता आज कहाँ मिलते हैं!
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